कीटाणुशोधन बैग से नहीं निकाला जाएगा
यदि किसी कोरोना संक्रमित व्यक्ति की मौत हो जाती है तो उसके शव को किसी भी हालात में कीटाणुशोधन बैग से नहीं निकाला जाएगा। कीटाणुशोधन बैग में पैक कर के शव को जलाया या दफनाया जाएगा। परिवार वालो को भी मृतक के अंतिम दर्शन करने की इजाजत नही होगी और ना ही अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा।
WHO Guideline में स्पष्ट, स्टाफ का प्रशिक्षण जरूरी
मृतक के परिवार वाले भले ही कोई कितनी भी जिद करे लेकिन मृतक का चेहरा नहीं खोला जाएगा। WHO ने अपनी Guideline में स्पष्ट किया है कि शव के अंतिम संस्कार को लेकर स्टाफ का प्रशिक्षण जरूरी है। संक्रमण नहीं हो इसके लिए शव को एंबुलेंस से मोक्ष स्थल या कब्रिस्तान तक ले जाए। मोक्ष स्थल या कब्रिस्तान में शव को संभालने के लिए स्टाफ के कर्मचारियों को संक्रमण निवारण प्रशिक्षित किया जाना जरूरी होना चाहिए।
ये 10 बातें रखनी होगी ध्यान
1 हाथों में संक्रमण नहीं हो इसके लिए gloves पहनने आवश्यक होंगा।
2 PPE kit पहनना होगा।
3 शव को कीटाणुशोधन बैग में रखा जाना आवश्यक।
4 शरीर को आइसोलेशन रूम से हटाने के बाद स्वास्थ्य कार्यकर्ताओ को हाथों की सफाई करनी चाहिए।
5 PPE kit, N-95 मास्क पहनना जरूरी होना।
6 शव से सभी नलियों और कैथेटर को हटाया जाना चाहिए।
7 शरीर के तरल पदार्थ का रिसाव रोकने लिए मुंह, नाक के छिद्र रूई से बंद करना जरूरी।
8 रोगी का परिवार पैक शव का देख सकेगा। लेकिन तय सावधानी के साथ। पैकिंग नहीं खोली जाएगी।
9 बॉडी बैग के बाहरी हिस्से को भी hypochlorite से साफ करना चाहिए।
10 ज्यादातर मामलों में शव का पोस्टमार्टम न हो।